रविवार, 25 अप्रैल 2010

राज्य: UTTAR PRADESH
वित्तीय वर्ष 2009-2010 के दौरान उत्पन्न रोजगार
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
a
b
c
d
परिवारों की संख्या जो रोजगार की मांग कर चुके हैं (रिपोर्टिंग महीने तक)
परिवारों की संख्या जिनको रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है (रिपोर्टिंग महीने तक)
नरेगा के अर्न्तगत कार्य कर रहे परिवारों की संख्या (रिपोर्टिंग महीने में)
a
b
c
d
e
क्रम संख्या
जिला
परिवारों की संख्या जिनको जॉब कार्ड जारी हो चुका है (रिपोर्टिंग महीने तक)
कुल उत्पन्न व्यक्ति दिवस (रिपोर्टिंग महीने तक)
100 दिन का रोजगार पूर्ण कर चुके परिवारों की कुल संख्या (रिपोर्टिंग महीने तक)
परिवारों की संख्या जो भूमि सुधार/ इंदिरा आवास योजना के लाभार्थी हैं
लाभार्थी विकलांग व्यक्तियों की संख्या
अनुसूचित जाति
अनुसूचित जनजाति
अन्य
कुल
अनुसूचित जाति
अनुसूचित जनजाति
अन्य
कुल
महिला
प्रथम चरण
1 AZAMGARH 32741 486 248212 281439 143115 145208 30900 353198 7126 4113311 4473635 565856 4331 5 208
2 BANDA 29225 272 122732 152229 77151 77376 8253 546060 4156 2796363 3346579 1049309 7049 23 42
3 CHANDAULI 56679 1748 109431 167858 94876 95736 29745 1053017 27765 1915142 2995924 441560 3544 245 94
4 CHITRAKOOT 10114 147 78424 88685 48769 48706 3428 201581 2267 1921109 2124957 668929 4281 188 19
5 FATEHPUR 27341 106 127723 155170 120713 120517 9246 771034 3519 4388949 5163502 1037818 8618 6 81
6 GORAKHPUR 40496 632 179341 220469 100384 100529 37479 586562 12334 3019105 3618001 576675 5192 48 62
7 HAMIRPUR 19775 142 97618 117535 83155 83136 12493 679485 3405 3645610 4328500 1322610 10370 123 50
8 HARDOI 124374 975 238561 363910 158861 159367 31054 1736906 18905 4169010 5924821 137934 8415 163 108
9 JALAUN 37847 1217 110509 149573 98650 98776 3779 1023058 22351 3007087 4052496 797472 7103 1143 280
10 JAUNPUR 85423 3869 86543 175835 82611 82988 15016 1253475 61904 1619913 2935292 356287 5215 78 103
11 KAUSHAMBI 83049 474 48293 131816 69673 69660 17502 1835525 12587 902056 2750168 675396 5593 12 77
12 KHERI 79968 2707 198246 280921 180689 180683 38537 1723609 45287 4508201 6277097 119732 9260 104 133
13 KUSHI NAGAR 16819 497 153108 170424 104089 104062 35615 568022 21306 2683420 3272748 335621 3066 1 79
14 LALITPUR 4463 2437 151754 158654 86121 86528 11865 166008 80323 3841345 4087676 1001047 9121 22 93
15 MAHOBA 13515 59 55613 69187 34623 34631 953 225453 1049 1012302 1238804 324759 1934 5 44
16 MIRZAPUR 107540 2678 117841 228059 129181 129566 35226 2412837 52592 2249612 4715041 1555931 9076 268 80
17 PRATAPGARH 42367 138 119082 161587 88136 88413 9930 764119 2293 2390974 3157386 607754 5258 425 104
18 RAE BARELI 6849 641 219324 226814 178618 178915 52154 171773 14961 6121917 6308651 1116180 8124 0 324
19 SITAPUR 125014 3510 263587 392111 234039 234970 51704 2271705 78652 5382009 7732366 337386 8780 228 419
20 SONBHADRA 90047 67373 104739 262159 207380 207655 50235 3593948 2701842 3640609 9936399 3658074 27181 709 423
21 UNNAO 52711 1317 199590 253618 146575 146665 35523 667153 19538 4625179 5311870 382457 8616 6 63
22 वारावंकी 6767 3674 205093 215534 147541 147408 36839 230301 129545 5295261 5655107 139747 8930 0 69
द्वितीय चरण
23 AMBEDKAR NAGAR 78329 349 86707 165385 61746 61718 17504 803533 2399 701229 1507161 254366 1050 37 53
24 BAHRAICH 23996 537 237341 261874 118591 118497 16066 186476 4365 3652764 3843605 296852 4393 194 110
25 BALLIA 807 217 119441 120465 62730 62707 13835 15160 3917 2333257 2352334 224342 3043 12 31
26 BALRAMPUR 129 60 96091 96280 54947 54825 10882 3368 922 2331119 2335409 225963 4051 0 32
27 BASTI 51833 444 150466 202743 132347 132212 40297 1458929 10735 3290685 4760349 901280 6035 292 161
28 BUDAUN 23631 485 172909 197025 101126 101044 24479 407780 7068 3215671 3630519 63998 6038 346 81
29 ETAH 18511 754 73718 92983 47035 46765 19024 259057 7872 1189376 1456305 34046 2052 65 17
30 FARRUKHABAD 9599 290 68718 78607 35573 35570 9076 41769 664 1067103 1109536 17129 1520 8 19
31 GONDA 31680 141 117653 149474 60682 60824 8016 489730 2795 1555062 2047587 190211 2231 1461 46
32 JHANSI 33503 860 99610 133973 75767 75817 22499 917367 24673 2671223 3613263 1114221 9773 208 99
33 KANPUR DEHAT 50293 1966 52657 104916 79331 79652 12515 1183943 54431 1325539 2563913 169385 3983 473 128
34 MAHARAJGANJ 105 0 154467 154572 106688 106641 16402 432 0 2430039 2430471 434546 1730 0 77
35 MAU 32429 556 88975 121960 73887 73854 12622 732495 12487 1897984 2642966 406090 4450 37 109
36 SANT KABEER NAGAR 10709 82 104478 115269 82982 82740 16800 42415 336 3090319 3133070 656106 4330 3 34
37 SHRAVASTI 9247 317 89038 98602 42614 42617 3098 44270 842 784127 829239 10975 179 98 28
38 SIDDHARTH NAGAR 50362 435 143286 194083 110175 119507 40500 1632771 11339 4085059 5729169 1377054 13809 390 61
39 SULTANPUR 36549 824 176406 213779 117936 117050 13545 492535 19281 3059929 3571745 503931 4223 269 198
तीसरा चरण
40 AGRA 36728 1606 55859 94193 49023 48783 8058 603504 24393 1021542 1649439 174563 2016 1416 169
41 ALIGARH 10115 90 74176 84381 49132 49147 10005 193157 1088 1479047 1673292 79379 1511 27 48
42 ALLAHABAD 133607 3031 116707 253345 91796 93300 18023 1690511 23703 1145958 2860172 624083 2628 1139 78
43 AURAIYA 41826 257 39577 81660 64533 64718 10534 1122905 5191 920842 2048938 68816 2167 5 113
44 BAGHPAT 6079 181 14875 21135 6277 6272 1902 61855 940 162798 225593 29464 280 47 0
45 BAREILLY 9447 627 154807 164881 139482 139509 30684 218235 12752 3184896 3415883 66949 1917 3 196
46 BIJNOR 10890 507 102406 113803 98917 98971 11590 196017 9508 2392106 2597631 128275 1120 0 176
47 BULANDSHAHR 17542 122 58816 76480 32667 32688 11439 284220 1592 876551 1162363 89921 1310 121 61
48 DEORIA 2988 97 92423 95508 70087 70748 9222 97756 1217 2588714 2687687 370955 3091 0 38
49 ETAWAH 56628 238 53717 110583 40404 40468 2834 595045 1553 521094 1117692 30679 1141 5 14
50 FAIZABAD 7907 255 97370 105532 81589 81588 15963 153282 3925 2124751 2281958 450652 1555 0 39
51 FIROZABAD 17429 87 35722 53238 32159 32158 2045 372628 2694 888064 1263386 49871 2257 1011 92
52 GAUTAM BUDDHA NAGAR 8505 130 17360 25995 1791 1789 604 24579 38 28821 53438 5598 44 112 1
53 GHAZIABAD 8873 64 9035 17972 5439 5429 1859 71206 786 137571 209563 17566 299 28 5
54 GHAZIPUR 50016 679 123313 174008 67918 67769 5063 409633 4110 1215663 1629406 201492 745 28 38
55 JYOTIBA PHOOLE NAGAR 26269 34 52436 78739 46882 47147 6468 432706 650 804602 1237958 40066 1116 32 91
56 KANNAUJ 30472 110 57648 88230 54805 54806 10611 653578 2408 1099201 1755187 21910 1330 744 62
57 KASHIRAM NAGAR 17023 106 65837 82966 63295 63365 29551 391972 1728 1660802 2054502 54533 2768 24 187
58 LUCKNOW 235 50 103506 103791 70865 71007 16688 6650 740 2745159 2752549 242494 5569 0 115
59 MAHAMAYA NAGAR 1305 7 32269 33581 27365 27355 6276 36336 123 956249 992708 33454 1027 0 32
60 MAINPURI 44385 494 95241 140120 46394 46223 3023 555636 824 1036903 1593363 47694 1812 17 76
61 MATHURA 40307 293 27141 67741 34973 35018 2991 755071 3244 580517 1338832 379184 1830 7 22
62 MEERUT 10493 15 7520 18028 7436 7421 3183 148897 476 99388 248761 14512 326 51 11
63 MORADABAD 16903 343 97110 114356 74015 73629 11103 241291 7909 1870944 2120144 69798 2324 55 70
64 MUZAFFARNAGAR 16499 157 21709 38365 18671 18670 5267 268197 2920 421030 692147 59491 870 47 8
65 PILIBHIT 980 77 217625 218682 166103 168483 24323 6628 989 2581002 2588619 56789 572 2 450
66 RAMPUR 4920 163 59766 64849 55144 55137 2323 87264 6374 1187296 1280934 31104 378 1 55
67 SAHARANPUR 33658 41 67066 100765 57998 59107 24379 602215 918 1274757 1877890 314831 1734 7 57
68 SANT RAVIDAS NAGAR 28875 306 46450 75631 58531 58668 30182 896373 7361 1374795 2278529 500155 3782 12 41
69 SHAHJAHANPUR 4514 111 202884 207509 129655 129659 16310 29046 1341 3196056 3226443 40352 1913 3 38
70 VARANASI 37239 216 70268 107723 59530 59530 21265 776975 3363 1168978 1949316 331332 1932 343 71
71 कानपुर नगर 22795 2112 99022 123929 88548 88553 14128 639868 49613 1992749 2682230 235799 3689 6 65
कुल
2310288 116022 7636986 10063296 5870531 5890650 1222532 44170095 3672304 154667815 202510214 28950790 297000 12988 6758

शनिवार, 24 अप्रैल 2010

चिट्ठा (अंग्रेज़ी:ब्लॉग), बहुवचन: चिट्ठे (अंग्रेज़ी:ब्लॉग्स), वेब लॉग (weblog) शब्द का सूक्ष्म रूप होता है। चिट्ठे एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइट) होते हैं जिन्हें दैनन्दिनी (डायरी) की तरह लिखा जाता है।[१] हर चिट्ठे में कुछ लेख, फोटो और बाहरी कड़ियां होती हैं। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। चिट्ठा लिखने वाले को चिट्ठाकार तथा इस कार्य को चिट्ठाकारी अथवा चिट्ठाकारिता कहा जाता है। कई चिट्ठे किसी खास विषय से संबंधित होते हैं, व उस विषय से जुड़े समाचार, जानकारी या विचार आदि उपलब्ध कराते हैं। एक चिट्ठे में उस विषय से जुड़े पाठ, चित्र/मीडिया व अन्य चिट्ठों के लिंक्स मिल सकते हैं। चिट्ठों में पाठकों को अपनी टीका-टिप्पणियां देने की क्षमता उन्हें एक इंटरैक्टिव प्रारूप प्रदन प्रदान करती है।[२] अधिकतर चिट्ठे मुख्य तौर पर पाठ रूप में होते हैं, हालांकि कुछ कलाओं(आर्ट ब्लॉग्स), छायाचित्रों (फोटोग्राफ़ी ब्लॉग्स), वीडियो, संगीत (एमपी३ ब्लॉग्स) एवं ऑडियो (पॉडकास्टिंग) पर केन्द्रित भी होते हैं।

चिट्ठा बनाने के कई तरीके होते हैं, जिनमें सबसे सरल तरीका है, किसी अंतर्जाल पर किसी चिट्ठा वेसाइट जैसे ब्लॉग्स्पॉट या लाइवजर्नल या वर्डप्रेस आदि जैसे स्थलों में से किसी एक पर खाता खोल कर लिखना शुरू करना।[३]एक अन्य प्रकार की चिट्ठेकारी माइक्रोब्लॉगिंग कहलाती है। इसमें अति लघु आकार के पोस्ट्स होते हैं।

दिसंबर २००७ तक, ब्लॉग सर्च इंजिन टेक्नोरैटी द्वारा ११२,०००,००० चिट्ठे ट्रैक किये जा रहे थे।[४]

आज के कंप्यूटर जगत में ब्लॉग का भारी चलन चल पड़ा है। कई प्रसिद्ध मशहूर हस्तियों के ब्लॉग लोग बड़े चाव से पढ़ते हैं और उन पर अपने विचार भी भेजते हैं। चिट्ठों पर लोग अपने पसंद के विषयों पर लिखते हैं और कई चिट्ठे विश्व भर में मशहूर होते हैं जिनका हवाला कई नीति-निर्धारण मुद्दों में किया जाता है। ब्लॉग का आरंभ १९९२ में लांच की गई पहली वेबसाइट के साथ ही हो गया था। आगे चलकर १९९० के दशक के अंतिम वर्षो में जाकर ब्लॉगिंग ने जोर पकड़ा। आरंभिक ब्लॉग कंप्यूटर जगत संबंधी मूलभूत जानकारी के थे। लेकिन बाद में कई विषयों के ब्लॉग सामने आने लगे। वर्तमान समय में लेखन का हल्का सा भी शौक रखने वाला व्यक्ति अपना एक ब्लॉग बना सकता है, चूंकि यह निःशुल्क होता है, और अपना लिखा पूरे विश्व के सामने तक पहुंचा सकता है।[२]

चिट्ठों पर राजनीतिक विचार, उत्पादों के विज्ञापन, शोधपत्र और शिक्षा का आदान-प्रदान भी किया जाता है। कई लोग चिट्ठों पर अपनी शिकायतें भी दर्ज कर के दूसरों को भेजते हैं। इन शिकायतों में दबी-छुपी भाषा से लेकर बेहद कर्कश भाषा तक प्रयोग की जाती है।वर्ष २००४ में ब्लॉग शब्द को मेरियम-वेबस्टर में आधिकारिक तौर पर सम्मिलित किया गया था। कई लोग अब चिट्ठों के माध्यम से ही एक दूसरे से संपर्क में रहने लग गए हैं। इस प्रकार एक तरह से चिट्ठाकारी या ब्लॉगिंग अब विश्व के साथ-साथ निजी संपर्क में रहने का माध्यम भी बन गया है। कई कंपनियां आपके चिट्ठों की सेवाओं को अत्यंत सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं देने लग गई हैं।

गुरुवार, 22 अप्रैल 2010

सोचें क्या होगा ?

विकास की सही सूरत: शौचालय या मोबाइल

भारत की 45 प्रतिशत आबादी के पास क़रीब 55 करोड़ मोबाइल फ़ोन हैं. लेकिन हम वर्ष 2008 के आँकड़ों को देखें तो पता चलेगा कि देश की मात्र 31 प्रतिशत आबादी के पास सुधरी हुई सफ़ाई व्यवस्था मौजूद है.

ऐसा क्यों है ... क्या ये सही है... क्यों लोग हर साल ख़राब होने वाले हैंड सेट पर तो ख़र्च करने तैयार हैं ... पर पूरे परिवार के स्वास्थ्य सुविधा के लिए ज़रूरी शौचालय पर नहीं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ़ के अनुसार अगर ताज़ा आंकड़ों की दिशा और रफ़्तार यही रही तो क़रीब एक अरब लोगों को सफ़ाई व्यवस्था पहुँचाने के वर्ष 2015 तक के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा पाएगा.

नरेगा को पूर्ण सफल बनाएं: प्रधानमंत्री

बुधवार, सितंबर 9, 2009,15:44[IST
Manmohan Singh


नई दिल्ली। ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून [^] (नरेगा) की पूरी सफलता के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे इस कानून का कार्यान्वयन तेजी से करें। इस योजना के तहत गरीबों को साल में कम से कम 100 दिनों के लिए रोजगार की सुरक्षा दी जाती है

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से 'गरीबों को निराश' नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि देश को अभी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (नरेगा) की 'पूरी क्षमता' का अहसास करना है, जिसका 'राज्यों में असमान' कार्यान्वयन हो रहा है।

लंबा सफर

सिंह ने राज्यों के ग्रामीण विकास और पंचायती राज्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हाल के वर्षो के इतिहास के इस अद्वितीय कानून की पूरी क्षमता को हासिल करने के लिए हमें अभी लंबा सफर तय करना है। राज्यों के बीच कार्यक्रम का कार्यान्वयन असमान है। कुछ राज्यों ने अच्छा परिणाम दिखाया है। कुछ उनसे पीछे हैं।"

उन्होंने राज्यों से इस संभावना का लाभ उठाने का आग्रह करते हुए कहा, "हम देश के गरीब लोगों को खासकर ऐसे समय में निराश नहीं कर सकते, जबकि कम से कम 100 दिनों के लिए उन्हें आजीविका सुरक्षा उपलब्ध कराने के संसाधन उपलब्ध हैं।"

कार्यक्रम की प्रभावी निगरानी ज़रुरी

नरेगा के लिए आवंटन में इस वर्ष 390 अरब रुपयों की वृद्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "अब हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे लोगों को उन पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये का सबसे बेहतर मूल्य मिले। कार्यक्रम की प्रभावी निगरानी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।"

सिंह ने कहा कि सरकार ने नरेगा के अंतर्गत शिकायतों के प्रभावी तरीके से निपटारे के लिए प्रत्येक जिले में लोकपाल संस्था की स्थापना का प्रस्ताव किया है।

आजीविका मिशनप्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के पुनर्गठन और उसे नया स्वरूप देने के लिए उसको राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में बदलने का बड़ा [^] फैसला किया है। ग्रामीण इलाकों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को आजीविका के स्थाई उपाय प्रदान करने और गरीबी दूर करने के लिए मिशन में बहुउद्देश्यीय रणनीति अपनाई जाएगी।

स्वश्थ रहें

श्री श्री रविशंकर

स्वभाविक रहने का अर्थ है कि आपने स्वयं को, दूसरों को और अपने आसपास की सभी वस्तुओं को, वे जैसी हैं, वैसा ही स्वीकार किया है। आपने उसे बोझ जैसे नहीं बल्कि समझ के साथ स्वीकार किया है। जब आप सोचते हैं या महसूस करते हैं कि यह ऐसा होना चाहिए या यह वैसा होना चाहिए तो आप अपने सही स्वभाव में नहीं रहते फिर आप अपनी सीमाओं के सम्पर्क में आ जाते हैं। स्वाभाविक और सुखी नहीं रहने की सीमाएं।

गलतियों का ज्ञान तब मिलता है जब आप मासूम होते हैं। जो गलती हो उसके लिए अपने को पापी न समझें क्योंकि उस वर्तमान क्षण में आप फिर से नवीन, शुद्ध और स्पष्ट हो जाते हैं। भूतकाल की गलतियां भूतकाल हैं। जब यह ज्ञान मिल जाता है तो आप फिर से परिपूर्ण हो जाते हैं। कई बार मां अपने बच्चों पर नाराज होती है और बाद में अपने को दोषी समझती है। क्रोध सजगता की कमी के कारण आता है। स्वयं, सत्य और कौशल का ज्ञान उत्तमता को उभार देता है। इसलिए गलती करने से न डरें परन्तु वही गलती दोबारा न करें। जब आप दूसरों की गलतियां सुधारते हैं तो दो स्थितियां होती हैं। पहली जब आप किसी की गलती सुधारते हो क्योंकि वह आपकी परेशानी का कारण होती है। दूसरी स्थिति में वह आपको परेशान नहीं करती बल्कि इसलिए कि उसका विकास हो सके।

गलतियों को सुधारने के लिए आपको अधिकार और प्रेम की आवश्यकता होती है। अधिकार और प्रेम एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं है। अधिकार के बिना प्रेम दम घुटने जैसा है। प्रेम के बिना अधिकार उथले जैसा है। एक मित्र के पास अधिकार और प्रेम दोनों होना चाहिए परन्तु वह सही मेल में होना चाहिए। यह सिर्फ तब हो सकता है जब आप पूर्णत: आवेगहीन और केन्द्रित होंगे।

जब आप गलतियों के लिए जगह देंगे तो आप दोनों अधिकारपूर्ण और प्यारे हो जाएंगे। दैव इसी तरह के होते हैं। दोनों का सही संतुलन। कृष्ण और ईसा मसीह में दोनों बाते थीं। दूसरों की तरफ उंगली उठाकर गलतियां मत करो। किसी व्यक्ति को उस गलती के बारे में मत बताआ॓ जो उसे पता है, उसने की है। ऐसा करके आप उसे और अधिक अपराधी बना देंगे। एक महान व्यक्ति दूसरों की गलतियों को नहीं पकड़ेगा और उन्हें अपराधी महसूस नहीं होने देगा। वह उन्हें आवेग और देखरेख के साथ ठीक करेगा। जब आप दया दिखाते हैं तो आपका सही स्वभाव सामने आता है। क्या आपने दया के कुछ कृत्य किये हैं किसी से बिना अपेक्षा के? हमारी सेवा बुद्धिहीन नहीं होनी चाहिए। दया के कृत्य के लिए योजना नहीं बनानी चाहिए। जब आप यादृच्छिक दया के कृत्य करते हैं तो अपने सही स्वभाव में आ जाते हैं। अनायास कुछ करें और स्वाभाविक रहें।

सत्संग : सृष्टि का उपहार

image

पं. श्रीराम शर्मा आचार्य परमात्मा, ईश्वर, ब्रह्म, परमपिता आदि कई नामों से पुकारी जाने वाली एक अनादि शक्ति का प्रकाश और उसकी प्रेरणा से ही इस जगत को और जगत के पदार्थों को स्फुरण मिल रहा है।

उसी के प्रभाव से सृष्टि के विभिन्न पदार्थों का ज्ञान, कार्य एवं सौन्दर्य प्रतिभासित होता है। वहीं अपने समग्र रूप में अवतीर्ण और सत्य रूप में प्रतिष्ठित होता रहता है। साधक जब विराट जगत के रूप में परमात्मा का दर्शन करता है, उन्हीं की चेतना को सूर्य, पृथ्वी, चन्द्रमा, तारागण आदि में प्रकाशित होते देखता है, तो उसे सत्य का दर्शन होता है। जगत और अध्यात्म का, स्थूल और सूक्ष्म का, दृश्य और तत्व का जहां परिपूर्ण सामंजस्य होता है, वहीं सत्य की परिभाषा पूर्ण होती है और यह सत्य जब जीवन साधना का आधार बनता है, तब जगत की प्रेरक और सर्जन शक्ति का परिचय प्राप्त होता है। इसलिए शास्त्रकारों ने सत्य को ही जीवन का सहज दर्शन माना है।
महर्षि विश्वामित्र ने कहा है-
सत्येनार्क प्रतपति सत्ये तिष्ठति मेदिनी। सत्य व्यक्ति परोधर्म: स्वर्गे सत्ये प्रतिष्ठिति:
अर्थात् सत्य से ही सूर्य तप रहा है, सत्य पर ही पृथ्वी टिकी हुई है। सत्य सबसे बड़ा धर्म है और सत्य पर ही स्वर्ग प्रतिष्ठित है। समग्र अध्यात्म दर्शन का मूल आधार सत्य है। पूर्व और पश्चिम जिस प्रकार एक ही अखंड क्षितिज में स्थित हैं, उसी प्रकार जगत और अध्यात्म, दृश्य और अदृश्य सत्ता एक ही सत्य के दो पहलू हैं। उनमें से एक का भी त्याग करने पर सत्य के दर्शन असंभव हैं। सत्य के साथ शिव और सुन्दर भी जुड़े हुए हैं। शिव अर्थात आनन्द कल्याण और सुन्दर अर्थात् पुलक उत्पन्न करने वाली भावनात्मक विशेषता। जब जगत् की समस्त घटनाओं को केवल बाह्य घटनाएं समझकर उनका विश्लेषण किया जाता है, तो उनसे कोई आनन्द नहीं मिलता। उस स्थिति में घटनाएं और विश्लेषण केवल एक शुष्क मशीनी उपक्रम मात्र बन कर रह जाते हैं। पटरी पर रेल के समान, सड़क पर मोटर के समान, शिलाखंडों पर नदी की धारा के समान मन मानस पर भी जगत की धारा बहती रहती है। चित्त पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ने पाता और सब कुछ निर्जीव, नीरस, अरूचिकर परस्पर लगने लगता है, लेकिन जीवन में नवीनता, सरसता और अहोभाव का समावेश कर लिया जाए, तो परमपिता परमात्मा की यह सृष्टि सुन्दर और सुन्दरतम प्रतीत होती है।
परमात्मा ने सृष्टि के निर्माण में अपनी पूरी कलात्मकता का परिचय दिया है और इस सृष्टि को इतना सुन्दर बनाया है कि उसे रस भाव से देखा जाए, तो यह उपवन असंख्य प्रकार के पुष्पों से महकता-पुलकता अनुभव होने लगे। रात को तारों भरे आकाश की आ॓र निहारें तो लगेगा कि परमात्मा ने आकाश में कितने सुन्दर टिमटिमाते हुए दिए जला दिए हैं, नीले आकाश की काली चादर में कैसे चमकते हुए मोती टांग दिए हैं।