गुरुवार, 22 अप्रैल 2010

नरेगा को पूर्ण सफल बनाएं: प्रधानमंत्री

बुधवार, सितंबर 9, 2009,15:44[IST
Manmohan Singh


नई दिल्ली। ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून [^] (नरेगा) की पूरी सफलता के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे इस कानून का कार्यान्वयन तेजी से करें। इस योजना के तहत गरीबों को साल में कम से कम 100 दिनों के लिए रोजगार की सुरक्षा दी जाती है

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से 'गरीबों को निराश' नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि देश को अभी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (नरेगा) की 'पूरी क्षमता' का अहसास करना है, जिसका 'राज्यों में असमान' कार्यान्वयन हो रहा है।

लंबा सफर

सिंह ने राज्यों के ग्रामीण विकास और पंचायती राज्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हाल के वर्षो के इतिहास के इस अद्वितीय कानून की पूरी क्षमता को हासिल करने के लिए हमें अभी लंबा सफर तय करना है। राज्यों के बीच कार्यक्रम का कार्यान्वयन असमान है। कुछ राज्यों ने अच्छा परिणाम दिखाया है। कुछ उनसे पीछे हैं।"

उन्होंने राज्यों से इस संभावना का लाभ उठाने का आग्रह करते हुए कहा, "हम देश के गरीब लोगों को खासकर ऐसे समय में निराश नहीं कर सकते, जबकि कम से कम 100 दिनों के लिए उन्हें आजीविका सुरक्षा उपलब्ध कराने के संसाधन उपलब्ध हैं।"

कार्यक्रम की प्रभावी निगरानी ज़रुरी

नरेगा के लिए आवंटन में इस वर्ष 390 अरब रुपयों की वृद्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "अब हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारे लोगों को उन पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये का सबसे बेहतर मूल्य मिले। कार्यक्रम की प्रभावी निगरानी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।"

सिंह ने कहा कि सरकार ने नरेगा के अंतर्गत शिकायतों के प्रभावी तरीके से निपटारे के लिए प्रत्येक जिले में लोकपाल संस्था की स्थापना का प्रस्ताव किया है।

आजीविका मिशनप्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के पुनर्गठन और उसे नया स्वरूप देने के लिए उसको राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में बदलने का बड़ा [^] फैसला किया है। ग्रामीण इलाकों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को आजीविका के स्थाई उपाय प्रदान करने और गरीबी दूर करने के लिए मिशन में बहुउद्देश्यीय रणनीति अपनाई जाएगी।

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